Maharajganj

डीएम व एसपी ने किया जिला कारागार का निरीक्षण,कौशल विकास मिशन के अंतर्गत प्रशिक्षण ले रहे बंदियों का बढाया हौसला


महराजगंज टाइम्स ब्यूरो:- जिलाधिकारी  सत्येन्द्र कुमार व पुलिस अधीक्षक डॉ. कौस्तुभ द्वारा शुक्रवार को जिला कारागार का मासिक निरीक्षण किया गया। निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी व पुलिस अधीक्षक ने सबसे पहले जिला कारागार में जिला कौशल विकास मिशन के अंतर्गत प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे बंदियों से बात की। जिलाधिकारी ने बंदियों को संबोधित करते हुए कहा कि जिला प्रशासन द्वारा कौशल विकास प्रशिक्षण का उद्देश्य बंदियों में कौशल विकास कर उन्हें आत्मनिर्भर बनाना है। उन्होंने कहा कि जेल में अपनी रुचि एवं दक्षता के अनुसार अलग-अलग विधाओं में प्रशिक्षण प्राप्त कर आप जेल से निकलने के बाद अपना रोजगार शुरू कर सकते हैं और समाज मे अपने को पुनर्स्थापित कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि जेल में रहते हुए भी आप अपने कौशल के बूते अतिरिक्त आय अर्जित कर सकते हैं और प्रशिक्षण के उपरांत प्राप्त सर्टिफिकेट को उनके पैरोल के लिए भी एक आधार के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है। उन्होंने सभी बंदियों से अनुरोध किया कि जेल में सजा की अवधि का इस्तेमाल सकारात्मक रूप से करें और आगे समाज मे सम्मानजनक जीवन व्यतीत करें। पुलिस अधीक्षक ने कहा कि व्यवसायिक प्रशिक्षण से आपमे सकारात्मक ऊर्जा आएगी और जेल में रहने के दौरान जो नकारात्मकता पैदा होती है, उससे आप लोग बचेंगे। उन्होंने कहा कि जेल में आपके पास समय है और जिला व जेल प्रशासन ने आपको कुछ सीखने की सुविधा दी है। इसका सदुपयोग करें और व्यवसायिक प्रशिक्षण प्राप्त कर अपना रोजगार करें और समाज में आगे सकारात्मक भूमिका निभाइये। उन्होंने कहा कि कौशल विकास मिशन प्रमाण-पत्र आपके आचरण संबंधी मूल्यांकन में भी शामिल किया जाएगा। इससे पैरोल हो या समयपूर्व रिहाई आपको इसका लाभ जरूर मिलेगा।  जेल अधीक्षक ने जिलाधिकारी सहित जेल प्रशासन को कौशल विकास प्रशिक्षण शुरू करने के लिए धन्यवाद दिया। उन्होंने बंदियों से कहा कि जेल प्रशासन आपके बेहतरी के लिए सभी प्रयास करेगा। इसमें सिर्फ आपके सहयोग की आवश्यकता है। जिला सेवायोजन अधिकारी माधवी उपाध्याय ने बंदियों को कहा कि कौशल विकास मिशन का लक्ष्य आपको आत्मनिर्भर बनने में सहायता करना है। इस मिशन के माध्यम से आगे कई अन्य कोर्स चलाये जाएंगे। उम्मीद है इससे लाभ लेकर आप आगे बेहतर जीवन जिएंगे। जेल अधीक्षक ने बताया कि जिला कारागार में 109 बंदियों को तीन अलग-अलग विधाओं में प्रशिक्षित किया जा रहा है। इनमें 55 बंदी एलईडी लाइट निर्माण का प्रशिक्षण ले रहे हैं, जबकि 27 खाद्य प्रसंस्करण और 28 बागवानी का प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं।  इससे पूर्व जिलाधिकारी ने बंदियों द्वारा निर्मित उत्पादों के बिक्री व विपणन के संदर्भ में चर्चा की और आवश्यक निर्देश दिया। इसके उपरांत जिलाधिकारी व पुलिस अधीक्षक ने जेल अस्पताल सहित विभिन्न बैरकों को देखा और जेल की व्यवस्था पर संतोष व्यक्त किया।  निरीक्षण के दौरान जेल अधीक्षक व अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।

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